2 Oct 2024
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वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के पास लोग अपने सवालों के जवाव लेने आते हैं और वह काफी अच्छे से लोगों को समझाते हैं.
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कुछ दिन पहले एक शख्स ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया, 'कई बार अंधविश्वासों से डर लगता है. कहीं कोई अंक गलत न हो जाए. कोई बिल्ली रास्ता काट जाए तो अपशगुन न हो जाए. तो ऐसे में क्या करें?'
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प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'कई लोगों का बोलना होता है कि कोई अगर छींक दे तो अपशगुन हो गया. बिल्ली रास्ता काट गई तो अपशगुन हो गया.'
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'हम कह रहे हैं विश्व के जितने अपशकुन हैं एक साथ आ जाएं. राधा राधा राधा, ये बोलो अब कोई बाधा हो जाए तो हमें बताना.'
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'अरे भाई ये छूछा, ये ग्रह-नक्षत्र, ये शुभ-अशुभ, ये अलग-अलग प्रकार के विघ्नराज तभी विघ्न देते हैं, जब प्रभु से आप विमुख होते हैं.'
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'काली बिल्ली रस्ता काट गई तो तुम्हारा हृदय धड़कने लगा. लेकिन अगर उस काली बिल्ली को श्यामा श्याम देखकर, प्रणाम करके निकल जाओ तो एक बिल्ली क्या, कितनी ही बिल्ली रास्ता काट जाएं, क्या फर्क पड़ेगा.'
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'सबसे पहला विघ्न ये है कि तुम्हारा ह्रदय घबरा गया. यहीं आपकी हार हो गई. जहां आपको लगे कि बिघ्न हो गया है तो बोलना जय-जय श्री राधे.'
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'फिर देखना विघ्न जो है वो तुम्हारे लिए मंगल विधान कर देगा. क्योंकि जितने हैं, प्रभु के सेवक हैं. कोई भी विघ्नविनायक ऐसा नहीं जो प्रभु के विमुख हो कर के तुम्हारी हानि पहुंचा सके.'
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'तुम जैसी मान्यता करोगे, वैसे ही तुम्हे दर्शन होने लगेगा. न हमें शुभ देखना है, न अशुभ देखना है.'
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