प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो वायरल है जिसमें वो एक महिला शिक्षक को बता रहे हैं कि बच्चों से किस तरह पेश आना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि धन की कमी के कारण कोई भी गरीब नहीं होता है. जो चरित्रवान है, वही धनवान है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं चरित्रहीन पुरुष सबसे दरिद्र होता है. सबसे बड़ा गरीब वो है जिसका चरित्र छिन गया है.
बच्चों को इतना चरित्रवान बनाना चाहिए कि वो धनवान हों. धनवान का मतलब सिर्फ रुपये से नहीं होता है.
बच्चों के आप चरित्र निर्माता होते हैं. उन्हें यह कभी नहीं कहना चाहिए कि वो गरीब बच्चे हैं. बच्चों को गरीब कहकर अपमानित नहीं करना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि बच्चों को ऐसा चरित्रवान बनाना चाहिए कि आगे चलकर वह राष्ट्रसेवक बनें. बच्चों के सामने उसे गरीब कहने से उसके मन का उत्साह नष्ट हो जाएगा.
किसी को यह पता नहीं होता है कि कौन क्या बनेगा. बच्चों के सामने कभी भी उसे गरीब नहीं कहना चाहिए. इससे उसका दिल दुखेगा. बच्चे हमारे राष्ट्र की धरोहर होते हैं.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि बच्चों को भी कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि वो गरीब है. पढ़-लिख कर अच्छे चरित्रवान बनने की कोशिश करनी चाहिए.