25 Nov 2024
AaJTak.In
घर के मंदिर में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों को देखकर अक्सर मन में यह सवाल आता है कि क्या मंदिर में एक से अधिक मूर्ति रखना सही है.
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के दरबार में आए एक भक्त ने जब महाराज से यही सवाल पूछा तो उन्होंने इसका स्पष्ट जवाब दिया.
प्रेमानंद महाराज ने बताया, 'घर का पूजन स्थल और मंदिर इन दोनों चीजों में अतंर समझना जरूरी है. मंदिर शब्द पूजन स्थल से ज्यादा व्यापक है.'
'यदि बात घर के पूजन स्थल की है तो वहां किसी एक देवी-देवता को स्थापित कर सकते हैं. आप कृष्ण, शिव, राम या अन्य किसी को स्थापित कर सकते हैं.'
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'लेकिन जब बात मंदिर यानी एक व्यापक स्तर की हो रही है तो वहां मुख्य देवी-देवता के अलावा पंच परमेश्वर स्थापित करने भी जरूरी हो जाते हैं.'
'मान लीजिए आप भोलेनाथ के भक्त हैं और उनका मंदिर बनवा रहे हैं तो उनकी प्रतिमा या शिवलिंग के अलावा पंच देव भी स्थापित करने होंगे.'
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'आप अकेले भगवान शंकर को विराजमान नहीं कर सकते. उनके साथ मां अम्बा, भगवान गणेश, कार्तिकेय, नंदीकेश्वर आदि की स्थापना करनी ही पड़ेगी.'
'भगवान शिव से आपका प्रेम अलग बात है, लेकिन मंदिर में उनकी स्थापना वैदिक परंपरा के अनुसार ही की जाएगी. यही सिद्धांत है.'
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'हमारी प्रीत कृष्ण से हैं. लेकिन जब हम मंदिर बनाएंगे तो उसमें राधा कृष्ण स्थापित होंगे. इसी प्रकार राम के संग सीता, लक्ष्मी, हनुमान आदि स्थापित होंगे.'