बीमारी में जादू-टोना या कलावा बांधना सही या ढोंग? प्रेमानंद महाराज ने कही ये बात

22 Feb 2025

Aajtak.in

आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो बीमार पड़ने पर झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र जैसी क्रियाओं में विश्वास दिखाने लगते हैं.

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क्या वाकई तंत्र-मंत्र या झाड़-फूंक से किसी बीमारी का इलाज किया जा सकता है. इस बारे प्रेमानंद महाराज ने विस्तार से जानकारी दी है.

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वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि रोग-बीमारी में डॉक्टर की सलाह और उपचार एक अनिवार्य शर्त है, जिसमें लापरवाही बिल्कुल न करें.

रोग में इलाज की जरूरत न केवल मनुष्यों को है, बल्कि यह प्रक्रिया युगों-युगों से चली आ रही है. उन्होंने एक उदाहरण देकर इसे समझाया.

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प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'लक्ष्मण के चोटिल हो जाने पर भगवान राम ने हनुमान को दवा (संजीवनी बूटी) लेने भेजा था.'

'उस वक्त भी सृष्टि में बड़े तांत्रिकों, दिव्य महात्माओं या तंत्र-मंत्र की कमी नहीं थी. इसके बावजूद राम जी ने दवा को प्राथमिकता दी.'

'इतना ही नहीं, संजीवनी आने के बाद वैद्य बुलाए गए और दवा पीसकर पिलाई गई. रामायण में इसका पूरा अध्याय शामिल है.'

'इसलिए मैं कहता हूं कि रोग-बीमारी में नौटंकी-नाटक पर भरोसा बिल्कुल मत करो. बीमार पड़ने पर अच्छे डॉक्टर से सलाह और दवा जरूर लें.'

'कलावा या जंतुर आदि बांधने से रोग आदि नष्ट नहीं होते हैं. यह केवल पाखंड है. इसलिए दवा लें और भगवान का नामजप करते रहें.