15 July 2024
AajTak.In
जीवन का परम और अंतिम सत्य मृत्यु है. जो लोग यह बात समझ लेते हैं, वो सारी जिंदगी पाप और अपराधों से दूर रहते हैं. और ईश्वर की शरण में जाते हैं.
क्या कभी आपने सोचा है कि मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है. वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने जीवन के अंतिम क्षणों के बारे में बताया है.
Credit: Getty Images
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि इंसान का अंतिम क्षण कैसा होगा, ये उसके कर्मों पर निर्भर करता है. आपने जैसा किया है, आपका अंत भी वैसा ही होगा.
Credit: Getty Images
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, 'अगर आपने जीवन में अच्छे कर्म किए हैं तो अंत अच्छा होगा और बुरे कर्म किए हैं तो निश्चित तौर पर अंत बुरा होगा.'
'आपका जन्म किस योनि में होने वाला है या अगले जन्म में आप क्या बनने वाले हैं, वो उसी वक्त कर्मों के आधार पर तय होगा.'
Credit: Getty Images
'मृत्यु के ठीक पहले का समय बहुत भयावह होता है. जीव के प्राण निकलना कोई मामूली बात नहीं है. जब प्राण छूटते हैं तो वो समय बहुत कष्टकारी होता है.'
'मृत्यु से ठीक पहले की पीड़ा, मां के गर्भ में पल रहे भ्रूण के समान ही होती है. हालांकि संसार में आने के बाद इस पीड़ा का ज्ञान किसी को नहीं होता है.'
Credit: Getty Images
'जरा सोचिए! हमें एक घड़े में बंद करके उसमें घिनौने पदार्थ डाल दिए जाएं तो हमारी दुर्दशा कैसी होगी. यहां आपके पास सांस लेने के लिए सिर्फ एक नली है.'
'जिस प्रकार आपको मां के गर्भ में पीड़ा का एहसास नहीं है, वैसे ही तुम्हें नरक लोक की यातनाओं के बारे में भी नहीं पता है.'
Credit: Getty Images