3 Feb 2024
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वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के प्रवचन और आशीष वचन हर उम्र के लोग सुनते हैं. वो कई बार उदाहरण देते हुए लोगों को अपने किस्से भी सुनाते हैं.
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कुछ समय पहले प्रेमानंद महाराज ने अपने पिता का किस्सा सुनाते हुए कहा, 'हम आपको अपने पिता की बात बता रहे हैं. जिस दिन हम भागे, उसके तीन दिन बाद हमारे पिता ने हमको पकड़ा.'
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'जो देखा पिताजी आ रहे हैं, बोले खड़ा हो तो हम आंख बंद करके बैठ गए. फिर जब तीसरी बार कहा खड़ा हो जाओ. हमें लगा डंडा पड़ेगा चौथी बार में, तो हम खड़े हो गए.'
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'हमने पिताजी से कहा, एक प्रार्थना करें?उन्होंने कहा, बताओ. हमने कहा ये जिंदगी भगवान के नाम है.'
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'आप चाहे, काट डालो. ना घर जाएंगे. ना आपकी बात मानेंगे. तो उन्होंने पूछा, सच्ची बात कह रहे हो, घर नहीं जाओगे, न कभी जिंदगी में ब्याह करोगे? हमने कहा, नहीं.'
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'फिर बोले खड़े हो जाओ और फिर छाती से लगाया कहा राम राम राम. तीन बार ऐसे राम कहा और फिर बोले यहां से चले जाओ.'
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'अगर ऊष्ण (गर्मी) में भी बैठोगे तो फूलों की वर्षा होगी. जाओ जिंदगी में कभी तुम्हारा कोई बाल बांका नहीं कर सकता.'
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'पर एक बात ध्यान रखना अगर आप बाबाजी बनते हो और अगर कहीं किसी की बहन बेटी देखी तो फिर!.'
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'हमने कहा, आप जिंदगी में इस बात को कभी नहीं सुनोगे.'
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