सनातन धर्म में हर कार्य को करने के लिए एक निश्चित मुहूर्त तय होता है. जिसके कारण शुभ फल भी प्राप्त होता है.
ज्योतिष शास्त्र में सबसे अशुभ मुहूर्त होता है राहुकाल. जिसमें कोई शुभ कार्य करने की मनाही होती है.
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, राहु एक छाया ग्रह माना जाता है, जो बेहद अशुभ है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय में राहु हर दिन डेढ़ घंटे का लगता है. वहीं, राहु काल कहलाता है.
आइए जानते हैं कि राहु काल में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए, जिनसे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.
राहु काल में नया व्यापार या बिजनेस की शुरुआत करना बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही किसी नई योजना की शुरुआत करना भी अशुभ माना जाता है.
राहु काल इतना अशुभ काल होता है कि इसमें यात्रा भी नई करनी चाहिए. जरूरत हो सभी घर से बाहर निकलें.
राहु काल में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, मुंडन नहीं करने चाहिए.
इस अशुभ काल में यज्ञ और पूजा पाठ करना भी वर्जित माना जाता है. साथ ही मंदिरों में जाना भी अशुभ माना जाता है.
इस दौरान नई चीजें खरीदना और चीजों का लेनदेन करना बेहद अशुभ माना जाता है जैसे मकान, गहनें आदि.