30 अक्टूबर, सोमवार को राहु केतु का गोचर हो चुका है. राहु केतु का महागोचर लगभग हर डेढ़ साल में एक बार होता है.
दरअसल, राहु मेष से मीन में जाएंगे और केतु कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे.
ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु का गोचर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कि राहु केतु जिस भी राशि में प्रवेश करते हैं उस राशि की तकदीर पलट कर रख देते हैं.
अगर राहु केतु बलवान स्थिति में हैं तो जातक की बिगड़ी हुई किस्मत अच्छी हो जाएगी और अगर राहु केतु कमजोर स्थिति में हैं तो बने बनाए काम भी बिगड़ जाएंगे.
आइए जानते हैं कि राहु केतु के गोचर का सबसे ज्यादा प्रभाव किस राशि पर पड़ा है.
राहु और केतु दोनों का ही सबसे ज्यादा प्रभाव मीन राशि पर पड़ा है. दरअसल, केतु राशि परिवर्तन करके मीन राशि में आया है और राहु मीन राशि के द्वितीय भाव में प्रवेश करेंगे जो नकारात्मकता का संकेत दे रहा है.
इस गोचर से जातक के जीवन में आत्मविश्वास की कमी आएगी. किसी बात को लेकर परिवार वालों से वाद विवाद हो सकता है. बने बनाएं रिश्तें बिगड़ सकते हैं.
व्यापार में धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है. आर्थिक नुकसान हो सकता है. कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
आपको भूमि, भवन, खरीदने का इंतजार करना पड़ सकता है, नहीं तो नुकसान हो सकता है. सेहत का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होगा. अचानक किसी रोग के बारे मे पता चल सकता है.