शनि जैसा होता है भद्रा का स्वभाव, जानें रक्षाबंधन पर इससे क्यों डरते हैं लोग

18 Aug 2024

AajTak.In

19 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने वाला है. शास्त्रों में भद्राकाल के दौरान भाई को राखी बांधना वर्जित माना गया है.

पंंचांग के अनुसार, 19 अगस्त को दोपहर करीब 1.30 बजे तक भद्रा रहेगी. हालांकि भद्रा के पाताल में होने के चलते इसका राखी के त्योहार पर कोई प्रभाव नहीं होगा.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा सूर्य की बेटी और न्याय देव शनि की बहन हैं. शनि की तरह इनका स्वभाव भी कठोर माना जाता है.

कौन है भद्रा?

इनके स्वभाव को समझने के लिए ब्रह्मा जी ने काल गणना या पंचांग में एक विशेष स्थान दिया है, जिसमें शुभ या मांगलिक कार्य निषेध हैं.

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी रक्षाबंधन पर जब भद्रा होती है, तो भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधी जाती है.

हिंदू पंचांग के कुल 5 प्रमुख अंग होते हैं- तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण. इसमें करण का विशेष स्थान होता है, जिसकी संख्या 11 होती है.

11 करणों में से 7वें करण विष्टि का नाम ही भद्रा है. और भद्रा के साए में शुभ या मांगलिक कार्य करने से लोग डरते हैं.

कहते हैं कि लंकापति रावण की बहन सूर्पनखा ने भद्रा के साए में ही उसे राखी बांधी थी और इसके बाद उसके साम्राज्य का विनाश हो गया था.