9 Mar 2025
aajtak.in
रंगभरी एकादशी 10 मार्च यानी कल मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है.
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार काशी लाए थे और इसी दिन से काशी विश्वनाथ में होली खेली जाती है. तब से ही रंगभरी एकादशी मनाई जाती है.
कहते हैं कि इस दिन भक्तों को गौ दान करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव और श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
ज्योतिषियों की मानें तो, रंगभरी एकादशी के दिन कुछ गलतियों से सावधान रहने की जरूरत है.
रंगभरी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं.
रंगभरी एकादशी पर तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है.
मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय होती है.
एकादशी के दिन काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. साथ ही इस दिन बाल, नाखून और दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए.
साथ ही रंगभरी एकादशी के दिन वाद विवाद से दूर रहना चाहिए और न किसी का अपमान करना चाहिए.