29 जनवरी यानी सोमवार को सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. सनातन धर्म में सकट चौथ का व्रत बेहद खास माना जाता है.
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश और सकट माता की उपासना की जाती है. इस माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है.
सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुण्डी चतुर्थी, तिल कुटा चौथ और माही चौथ के नाम से भी जाना जाता है.
ज्योतिषियों के मुताबिक, सकट चौथ के दिन कुछ गलतियां करना अशुभ माना जाता है वरना भगवान गणेश नाराज हो जाते हैं.
सकट व्रत रख रहें लोगों को इस दिन भूल से भी गणेश जी की सवारी मूषक यानी चूहे को सताना नहीं चाहिए. ऐसा करने से गणेश जी नाराज हो सकते हैं.
सकट चौथ के व्रत के दिन गणेश जी को तुलसी भूल से भी नहीं चढ़ानी चाहिए. क्योंकि तुलसी माता ने गणेश जी को श्राप दिया था इसलिए गणेश पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है.
सकट व्रत करते समय महिलाएं भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें. इस दिन पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.
सकट पूजा में चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दिया जाता है, लेकिन अर्घ्य देते समय ध्यान दें कि अर्घ्य के जल की छींटे पैरों पर नहीं पड़ने चाहिए.