14 JAN 2025
aajtak.in
सकट चौथ हिंदू धर्म में बहुत ही खास व्रत माना जाता है. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की उपासना की जाती है.
सकट चौथ को संकट चतुर्थी या तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सकट चौथ मनाया जाता है.
इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत खोला जाता है.
माना जाता है कि जो कोई व्यक्ति यह व्रत सच्ची निष्ठा और भक्ति के साथ रखता है उस पर भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है.
उदयातिथि के अनुसार, सकट चौथ का व्रत इस बार 17 जनवरी 2025 को रखा जाएगा. सकट चौथ की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी की सुबह 4:06 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 18 जनवरी को सुबह 8:30 मिनट पर होगा.
सकट चौथ के पूजन के लिए पहला मुहूर्त सुबह 5:27 मिनट से 6:21 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त सुबह 8:34 मिनट से 9:53 मिनट तक. साथ ही, चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय रात 9:09 मिनट पर रहेगा.
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के साथ चंद्र देव का पूजन किया जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद रात में चंद्रमा के उदय होने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती है और चंद्रमा की विधि विधान से पूजा करती हैं.
इस दिन पूजा में गणेश मंत्र का जाप करना बेहद फलदाई माना जाता है. और आप चाहें तो गणेश मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित कर सकते हैं.
सकट चौथ के दिन घर के पूजास्थल में तांबे के लोटे में गंगा जल भरें और उस पर एक सुपारी रखें. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.