28 Aug 2024
By- Aajtak.in
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, माथें की जो लकीरें होती हैं वह इंसान के भाग्य के बारे में काफी कुछ बता सकती हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिस आदमी के माथे की पहली लकीर उबर कर आती है वह भाग्यशाली होता है.
यह लकीर भौंह के सबसे करीब होती है और इसे भाग्य से जोड़कर देखा जाता है. इसे भौंह रेखा भी कहा जाता है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिस आदमी के माथे पर यह लकीर होती है वह कभी पैसों के लिए परेशान नहीं रहता है.
सामुद्रिक शास्त्र की मानें तो माथे पर चमक आने वाली यह लकीर जितनी साफ होती है उतना ही आदमी धनवान होता है.
वहीं अगर किसी के माथे पर पहली लकीर के ऊपर दूसरी लकीर नजर आती है उसे ज्ञान से जोड़कर देखा जाता है.
माथे पर यह लकीर किसी भी इंसान की बुद्धि, एकाग्रता और सीखने की क्षमता का संकेत देती है.
माथे पर तीसरी लकीर इन दोनों रेखाओं के ऊपर होती है जिसे कर्म रेखा भी कहा जाता है. यह रेखा असाधारण भाग्य, सफलता और समृद्धि का प्रतीक है.
मान्यता है कि माथे पर यह लकीर भी जितनी साफ होती है उतना ही उस आदमी को भाग्यशाली माना जाता है.