संकष्टी चतुर्थी: इस विधि से करें गणपति बप्पा की पूजा

By: Meenakshi Tyagi  22nd November 2021

संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. 

पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. 

संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणपति की आराधना करके विशेष वरदान प्राप्त किया जा सकता है और सेहत की समस्या को भी हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है.

इस बार संकष्टी चतुर्थी 23 नवंबर मंगलवार को मनाई जाएगी. चतुर्थी तिथि 22 नवंबर 2021, रात 10 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 24 नवंबर 2021, रात 12 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. 

सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें. भगवान गणपति के चित्र को लाल रंग का कपड़ा बिछाकर रखें. 

भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें. 

भगवान गणपति के सामने दीया जलाएं और लाल गुलाब के फूलों से भगवान गणपति को सजाएं. 

पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, फूल तांबे के लोटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें. 

भगवान गणपति के सामने धूप दीप जलाकर उनको मंत्रों का जाप करें. 

मान्यता है कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. कहा जाता है कि गणेश जी घर की सारी विपदाओं को हर लेते हैं. 

जो व्यक्ति आज के दिन व्रत रखता है और पूरे आस्था के साथ पूजा करता है, गणपति उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

इस दिन व्रत करने से जीवन के सारी समस्याओं का नाश होता है. ये व्रत सूर्योदय से प्रारम्भ होता है और चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है.

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