By Aajtak.in
सावन का महीना आज से शुरू हो चुका है. कहते हैं अमृत पान के लिए देवताओं-दानवों के बीच समुद्र मंथन इसी पवित्र महीने में हुआ था.
समुद्र मंथन से 14 बहुमूल्य रत्न निकले थे. ज्योतिषियों के अनुसार, सावन में ये रत्न घर लाने से इंसान की सोई तकदीर जाग जाती है.
पारिजात का वृक्ष समुद्र मंथन से ही निकला था. सावन में इसके फूल शिवजी को चढ़ाने से लाभ होता है. आप इसका पौधा भी घर ला सकते हैं.
समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर निकले थे. तबसे शुभ कार्यों में कलश स्थापित करने की परंपरा चली आ रही है.
अमृत कलश जिस घर में स्थापित होता है, वहां कभी दुख-मुसीबत की दस्तक नहीं होती है. इससे आरोग्य का भी वरदान प्राप्त होता है.
एरावत हाथी समुद्र मंथन से निकला था. ये सफेद हाथी इंद्र देव का वाहन है. सावन में आप क्रिस्टल या पत्थर का सफेद हाथी ला सकते हैं.
समुद्र मंथन के 14 रत्नों में से एक पांचजन्य शंख भी है. ये बहुमूल्य शंख विष्णु जी ने अपने पास रखा. आप इसे घर के मंदिर में रख सकते हैं.
समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी की भी उत्पत्ति हुई थी. इसलिए सावन में आप धन की देवी लक्ष्मी की कोई प्रतिमा भी घर लेकर आ सकते हैं.