5 Aug 2024
AajTak.In
सावन का महीना चल रहा है. इस महीने शिवलिंग पर रुद्राक्ष चढ़ाना शुभ होता है. रुद्राक्ष का अर्थ है- रूद्र का अक्ष. रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से हुई थी.
रुद्राक्ष को प्राचीन काल से आभूषण के रूप में सुरक्षा के लिए, ग्रह शांति के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता रहा है.
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रुद्राक्ष मुख्य रूप से 17 प्रकार के होते हैं, लेकिन 12 मुखी रुद्राक्ष का महत्व विशेष होता है. रुद्राक्ष कलाई, कंठ और ह्रदय पर धारण किया जा सकता है.
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रुद्राक्ष को कंठ तक धारण करना सर्वोत्तम होता है. कलाई में 12, कंठ में 36 और ह्रदय पर 108 दानों को रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
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आप इसका एक दाना भी धारण कर सकते हैं, लेकिन यह दाना ह्रदय तक होना चाहिए और लाल धागे में होना चाहिए.
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रुद्राक्ष को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी या किसी भी सोमवार को धारण कर सकते हैं. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानी शिवरात्री को रुद्राक्ष धारण करना अच्छा होता है.
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रुद्राक्ष धारण करने वालों को हमेशा सात्विक रहना चाहिए. मांस या मदिरा पान का सेवन बिल्कुल न करें. आचरण को शुद्ध रखें. अन्यथा रुद्राक्ष के परिणाम विपरीत भी हो सकते हैं.
इसे धारण करने से पहले शिवजी को अर्पित करना न भूलें. महादेव को अर्पित करने के बाद इसे माला में पिरोते समय मंत्रों का जाप करें. इसके बाद ही इसे पहनें.
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