सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस बार सावन 4 जुलाई यानी कल से शुरू होने जा रहे हैं.
इस बार सावन 2 महीने यानी 59 दिनों के होंगे और समापन 31 अगस्त को होगा.
हर साल सावन के महीने में कई लोग कावड़ यात्रा लेकर जाते हैं. इस यात्रा में लोग हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थलों से गंगा जल लाकर शिवजी पर अर्पित करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि कावड़ यात्रा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
आइए जानते हैं कि कावड़ यात्रा के क्या है खास नियम.
यात्रा के दौरान व्यक्ति को किसी भी प्रकार का नशा, मदिरा, मांस और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए.
कावड़ को बिना स्नान किए हाथ नहीं लगा सकते हैं. इसके अलावा कावड़ को चमड़ा का स्पर्श नहीं होना चाहिए.
कावड़ यात्रा के दौरान वाहन का प्रयोग नहीं करना है. यानी पैदल चलकर ही कावड़ लेकर आनी चाहिए.
कावड़ को कभी वृक्ष या चारपाई के नीचे नहीं रखनी चाहिए. साथ ही कावड़ को सिर पर नहीं रखना चाहिए.