1 aug 2024
AajTak.In
सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने वालों को मनचाहा फल मिल जाता है.
इस बार सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी. कहते हैं कि इस दिन उपासक को भूलवश भी शिवलिंग पर पांच चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए.
पूर्वजन्म में तुलसी राक्षस कुल में जन्मी थीं. उनका नाम वृंदा था, जो भगवान विष्णु की परम भक्त थी. वृंदा का विवाह दानव राज जालंधर से हुआ था.
शिवजी ने देवताओं की रक्षा के लिए जालंधर का वध किया था. पति की मृत्यु से आहत वृंदा ने शिवजी को श्राप दिया था. इसलिए उन्हें तुलसी दल नहीं चढ़ाया जाता है.
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भगवान शिव का एक रूप संहार करने वाला भी माना जाता है. उनके संहारक स्वरूप के चलते ही शिवलिंग पर सिंदूर, कुमकुम, या रोली चढ़ाना वर्जित माना गया है.
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शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी का संबंध स्त्रियों से होता है. यही कारण है कि भोलेनाथ को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.
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शिवपुराण के अनुसार, शंखचूड़ एक महापराक्रमी दैत्य था, जिसका वध स्वयं भगवान शिव ने किया था. इसलिए महाशिवरात्रि पर कभी शंख से शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जाता है.
भगवान शिव या शिवलिंग पर कभी भी केतकी, कनेर, केवड़ा या लाल रंग का फूल नहीं अर्पित करना चाहिए. इन चीजों से महादेव की अर्चना न करें.