देवउठनी के बाद चारों ओर शहनाइयां गूंज रही हैं. हर गली, मोहल्ले से बारातें निकल रही हैं. दुल्हनें डोली में बैठकर पिता के आंगन से विदा हो रही हैं.
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शादियों में बेटियों को उपहार देने की परंपरा भी सदियों पुरानी है. हर माता-पिता अपनी क्षमतानुसार बेटी को विदाई के वक्त कोई न कोई भेंट जरूर देते हैं.
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लेकिन विदाई के वक्त बेटी को चार चीजें कभी नहीं देनी चाहिए. सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने इन चीजों का जिक्र अपने प्रवचन में भी किया है.
बेटी को विदाई के वक्त अचार बिल्कुल न दें. अचार का स्वाद खट्टा होने की वजह से इसे देना उचित नहीं माना जाता है. इससे रिश्तों में खटास पड़ सकती है.
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झाड़ू में स्वयं माता लक्ष्मी का वास होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेटी को विदाई के समय झाड़ू कभी नहीं देनी चाहिए.
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कहते हैं कि ऐसा करने से बेटी का घर-संसार कभी सुखी नहीं रहता है. उसका जीवन हमेशा दुखों से भरा रहेगा.
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बेटी को विदाई के समय कभी सुई या नुकीली चीजें बिल्कुल न दें. बहन-बेटी को विदाई के समय सुई देने से रिश्तों में मधुरता की जगह कटुता आने लगती है.
विदाई के समय बेटी को भूलकर भी आटे की छलनी नहीं देनी चाहिए. मकर संक्रांति के समय माताएं अपनी बेटी को 13 चीजें भेंट करती हैं. ऐसा बिल्कुल न करें.