ज्योतिष में शनिदेव को न्याय और कर्मफलदाता माना गया है. यह लोगों को उनके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर ही शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं.
शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं इस कारण से जातकों के जीवन पर इनका शुभ-अशुभ प्रभाव ज्यादा दिनों तक रहता है.
शनि वायु तत्व का सबसे प्रमुख ग्रह माना जाता है. शनि दो राशियों के स्वामी है मकर और कुंभ. मकर पृथ्वी तत्व की और कुंभ वायु तत्व की राशि है.
मकर राशि के लिए शनि धन और संपन्नता देता है. वहीं, कुंभ राशि के लिए शनि ज्ञान और अध्यात्म देता है. शनि कुंभ राशि के ज्यादा निकट माना जाता है.
आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि शनि की सबसे शक्तिशाली राशि कौनसी है.
मकर राशि पृथ्वी तत्व की राशि है और इस राशि के स्वामी शनि है. इस राशि पर शनि और बुध, दोनों का प्रभाव होता है.
मकर राशि वालों को बुध बुद्धिमान ज्यादा बना देता है. इस राशि के लोग चालाक, मौका परस्त और धनवान होते हैं.
ये राशि करियर और रोजगार को सीधा प्रभावित करती है. साथ ही इस राशि की कमजोरी है अहंकार.
मकर राशि के लोगों को पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है. साथ ही इन्हें सूर्य देव की उपासना भी करनी चाहिए.
कुंभ राशि के स्वामी शनि ही हैं और शनि को यह राशि बेहद प्रिय है. इनका जीवन शनि पर ही निर्भर करता है.
कुंभ राशि के लोगों में अध्यात्म, अंतर्ज्ञान और कला के गुण होते हैं. ये लोग समाज के एक बड़े वर्ग को सीधा प्रभावित करते हैं.
इनको नियमित रूप से भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए. साथ ही गलत आदतों से दूरी बनानी चाहिए.