आप धनी होंगे या गरीब, ये कर्मों के आधार पर शनि देव तय करते हैं. नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लंबे समय तक धन संबंधी कष्ट देते हैं.
शनि नकारात्मक हो तो साढ़ेसाती या ढैया से धन हानि करवाते हैं. आइए जानते हैं कि शनि कब पैसों का नुकसान या लाभ करवाते हैं.
अगर शनि कुंडली के अशुभ भाव में हो या जब सूर्य के साथ युति हो तो पैसों का नुकसान होता है. साढ़ेसाती या ढैया में भी धन हानि होती है.
इसके अलावा, अगर आपने बिना सलाह के नीलम रत्न धारण कर लिया है, तब भी शनि आर्थिक मोर्चे पर नुकसान करवाता है.
कुंडली में शनि अनुकूल हो और तीसरे, छठे या 11वें भाव में हो तो धन का लाभ होता है. उच्च का शनि या घर में बैठा शनि भी धन लाभ देता है.
शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का चौमुखी दीपक जलाएं. वृक्ष की कम से कम तीन बार परिक्रमा करते हुए शनि बीज मंत्र का जाप करें.
शनिवार को सूर्योदय के पूर्व पीपल के वृक्ष में जल डालें. शाम को उसी वृक्ष के नीचे एकमुखी दीपक जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें.
अपनी आय के कुछ हिस्से से हर माह सरसों के तेल या काली दाल का दान करें. लोहे का एक सिक्का काले कपड़े में बांधकर किसी अंधेरे कोने में रखें.