वैदिक ज्योतिष में शनिदेव को कर्मफलदाता माना जाता है. शनि शतभिषा नक्षत्र में पहुंच चुके हैं.
ज्योतिष शास्त्र में शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं लेकिन यह नक्षत्र कुंभ राशि के अंतर्गत आता है और ऐसे में इस राशि के स्वामी शनि माने जाते हैं.
शनिदेव 15 मार्च को शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं और 17 अक्टूबर तक कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे.
वैदिक ज्योतिष में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं और किसी एक राशि में ढाई सालों तक विराजमान रहते हैं.
आइए जानते हैं कि शनि राहु की युति से किन राशियों को सावधान रहने की जरूरत है.
अक्टूबर तक कर्क राशि वालों को सेहत में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है. कारोबार में नुकसान हो सकता है. मानसिक तनाव हो सकता है.
आर्थिक उलझनों का सामना करना पड़ सकता है. निवेश के क्षेत्र में भारी नुकसान हो सकता है. सभी फैसले सोच समझकर लें.
पैतृक संपत्ति से नुकसान हो सकता है. सेहत का ध्यान रखना होगा. गैर जरूरी खर्चे भी बढ़ सकते हैं. मान-सम्मान की हानि हो सकती है.
अहंकार की प्रवृत्ति से बचना होगा. सेहत पर ज्यादा खर्च हो सकता है. दांपत्य जीवन में परेशानियां हो सकती हैं.
आर्थिक मामलों में थोड़ी सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि आपकी महत्वाकांक्षाएं अधिक होंगी. किसी विवाद में न उलझें. दुर्घटना से सावधान रहना होगा.