शनि ने कुंभ राशि में गोचर कर लिया है और इसी के साथ कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो गया है.
साढ़ेसाती का दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्टकारी माना जाता है. आइए जानते हैं कि ये कैसे जातकों की मुश्किलें बढ़ाएगा और कब खत्म होगा
शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण बेहद मुश्किल होता है. इसमें जातक को कई तरह की मानसिक परेशानियां सताने लगती हैं.
आर्थिक मोर्चे पर कुछ न कुछ दिक्कतें चलती रहती हैं. रुपये-पैसे का नुकसान होता है. खर्चे परेशान करते हैं. कर्जों का बोझ बढ़ सकता है.
साढ़ेसाती का दूसरा चरण कार्य-व्यापार या पेशेवर जीवन में बहुत सी मुश्किलें लेकर आता है. ऐसे में सफलता की कोई गारंटी नहीं रहती है.
इसके अलावा, रोग, बीमारी, दुर्घटनाएं परेशान कर सकती हैं. पेट, हृदय और किडनी से जुड़ी समस्या होने की संभावना अधिक रहती है.
ज्योतिषविदों का कहना है कि इस चरण में शनिदेव उदर भाव में होते हैं. ऐसी स्थिति में जातक के साथ विश्वासघात हो सकता है.
11 शनिवार को शनि मंदिर में छाया दान करें. नित्य हनुमान चालीसा पढ़ते रहें. पराई महिला पर बुरी नजर न रखें. अपने कर्मों को शुद्ध रखें