शनिदेव 29 जून को कुंभ राशि में वक्री चाल चलेंगे. शनि की वक्री चाल 15 नवंबर तक रहेगी.
ज्योतिष में शनि को न्यायदेवता के रूप में पूजा जाता है. शनिदेव अपनी चाल ढाई वर्ष में एक बार बदलते हैं.
शनिदेव कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. इसलिए, इन्हें कर्मफलदाता शनि के नाम से भी जाना जाता है.
शनि जब भी किसी राशि में वक्री स्थिति में रहते हैं तो उस राशि के जीवन में उथल पुथल मचती है. वहीं, शनि के वक्री होने से कुछ राशियों को लाभ भी होगा.
शनि की वक्री चाल मेष वालों के लिए शुभ रहने वाली है. मेष वालों को व्यापार में लाभ हो सकता है. किसी नए कार्य की शुरुआत करेंगे. सेहत अच्छी रहेगी. बस वाणी पर संयम रखना होगा.
शनि की वक्री चाल से वृषभ वालों के जीवन में खुशियों का संचार हो सकता है. नौकरी में बेहतर अवसर प्रदान होंगे. भाग्य का साथ प्राप्त होगा. शनिदेव की कृपा से धनलाभ होगा.
शनि की वक्री स्थिति कन्या वालों के लिए बहुत ही अनोखी मानी जा रही है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे. अटके हुए कार्य आसानी से पूरे होंगे. शनिदेव की कृपा से बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी होगी.
शनि की वक्री चाल से वृश्चिक वालों की किस्मत चमकेगी. वेतन में वृद्धि और प्रमोशन का योग बन रहा है. मान सम्मान भी बढ़ेगा. कारोबार में बढ़िया तरक्की पाएंगे.