शरद ऋतु की पूर्णिमा बेहद खास मानी जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा आती है.
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी का प्रकट हुई थी. इसलिए, यह दिन मां लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे विशेष माना जाता है.
सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा सबसे विशेष मानी जाती है. माना जाता है कि चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों का लाभ देती है.
तो आइए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन कौन सी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए.
शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन ना करें. इस दिन लहसुन, प्याज का सेवन भी निषेध माना गया है. उपवास रखें तो ज्यादा बेहतर होगा.
शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे.
इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें. और न ही काले रंग के कपड़े पहनें. चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा.
शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व बताया गया है. खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही रखें. अन्य धातुओं का प्रयोग न ही करें.
शरद पूर्णिमा के दिन घर में किसी तरह का झगड़ा और आपसी कलह नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होने लगता है.