शरद पूर्णिमा इस बार 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी. मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. शरद पूर्णिमा को कौमुदी, कोजागरी या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
ज्योतिषियों की मानें तो शरद पूर्णिमा के दिन चांद धरती के सबसे करीब होता है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है.
इस दिन चंद्र देव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन व्रत करना विशेष फलदायी होता है.
इस बार की शरद पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. साथ ही शरद पूर्णिमा पर 4 शुभ योग बनने जा रहे हैं.
दरअसल, शरद पूर्णिमा पर गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का मिलाजुला संयोग बनने जा रहा है, जो कुछ राशियों के लिए शुभ माना जा रहा है. चलिए जानते हैं उन लकी राशियों के बारे में.
मिथुन राशि वालों के लिए शरद पूर्णिमा बेहद शुभ मानी जा रही है. शरद पूर्णिमा जीवन में खुशहाली ला सकती है. सेहत से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा. करियर और कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी. व्यापार से संबंधित यात्रा की योजना बन सकती है.
इस शरद पूर्णिमा कर्क राशि वालों के बिगड़े काम बनेंगे. करियर में लाभ होगा. परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत करने का अवसर मिलेगा भाई बहनों के साथ संबंध अच्छे होंगे. कारोबार में लाभ होगा.
सफलता के योग बनेंगे. समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा. परिवार के साथ संबंध अच्छे होंगे. आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा धन लाभ के योग बन रहे हैं.