नवरात्रि की अष्टमी कल, इस अशुभ योग में न करें कन्या पूजन, पड़ सकता है पछताना

शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हुए थे और इनका समापन 24 अक्टूबर, मंगलवार दशहरा के दिन होगा. 

नवरात्रि के दो सबसे खास दिन होते हैं महाअष्टमी और महानवमी. इन दोनों दिनों में नवरात्रि का पारण किया जाता है. 

इस बार नवरात्रि की महाअष्टमी 22 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन कन्या पूजन करके व्रत का पारण किया जाता है. 

महाअष्टमी के दिन माता महागौरी का पूजन किया जाता है. देवी महागौरी की पूजा अर्चना से जीवन में आ रही कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है. महाष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है. 

हालांकि, अष्टमी पर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. लेकिन, इस दिन भद्रा का साया भी है. 

दरअसल, महाअष्टमी पर कल भद्रा का साया लगने जा रहा है. भद्रा सुबह 6:26 मिनट से लेकर 8:58 मिनट तक रहेगी. इस बीच भूलकर भी कन्या पूजन न करें. 

कोशिश करें कि कन्या पूजन या तो भद्रा लगने से पहले हो जाए या भद्रा समाप्त होने के बाद किया जाए.

कन्या पूजन अष्टमी और नवमी दोनों दिन किया जा सकता है. इस दिन सुबह उठ कर घर को साफ सुथरा कर लें, इसके बाद स्नान करके पवित्रता के साथ  प्रसाद तैयार करें. 

कन्या पूजन विधि

इस दिन कन्याओं को सुबह भोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें आदर-सत्कार के साथ बैठाएं. ध्यान रहे कन्याओं की उम्र दो साल से लेकर दस साल के बीच होनी चाहिए.