शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस बार 15 अक्टूबर, रविवार से हुई थी और नवरात्रि का समापन 24 अक्टूबर, मंगलवार को विजयदशमी के दिन होगा.
नवरात्रि के दो सबसे महत्वपूर्ण दिन होते हैं अष्टमी और नवमी. अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्रि का पारण किया जाता है.
इस बार महाअष्टमी 22 अक्टूबर, यानी कल पड़ रही है. महाअष्टमी के दिन माता महागौरी की उपासना की जाती है. तो आइए जानते हैं कि अष्टमी पर कन्या पूजन के लिए कितना समय प्राप्त होगा.
महाअष्टमी को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर यानी आज रात 9:53 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 22 अक्टूबर यानी कल रात 7:58 मिनट पर होगा.
अष्टमी के कन्या पूजन के लिए कल कई मुहूर्त हैं जिसमें एक सुबह 7:51 मिनट से सुबह 9:16 मिनट तक रहेगा. उसके बाद सुबह 9:16 मिनट से लेकर सुबह 10:41 मिनट तक रहेगा.
साथ ही कल अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी होने जा रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6:26 मिनट से लेकर शाम 6:44 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में कभी भी कन्या पूजन किया जा सकता है.
नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण दें. उसके बाद पूरे विधि विधान के साथ कन्याओं का घर में स्वागत करें और उसके बाद नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं.
फिर इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाएं. सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं.
कन्याओं के माथे पर कुमकुम लगाएं, फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीष लें.