पूरे भारत में नवरात्र का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्र के नौ दिनों में माता के 9 रूपों की उपासना की जाती है.
इस बार शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे हैं और इसका समापन 24 अक्टूबर को होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है.
नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना की जाती है. शारदीय नवरात्रि सबसे बड़ी नवरात्रि में से मानी जाती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 11:24 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 15 अक्टूबर को रात 12:32 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि इस बार 15 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी.
इस दिन घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 06:30 मिनट से सुबह 08:47 मिनट तक रहेगा और अभिजित मुहूर्त सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगा.
इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. जो इस बात का संकेत देता है कि देश में सुख शांति बनी रहेगी.
नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प लिया जाता है. संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है.
साथ ही इस दिन कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और इस दौरान अखंड ज्योति अवश्य प्रज्वलित करें.
इस दिन मां दुर्गा को लाल रंग के फूल अर्पित करें. इसके साथ ही इस दिन मां दुर्गा के नाम का हवन करें और घी का दीपक भी जलाएं.