नवरात्रि में जौ के रंग से मिलते हैं ये शुभ संकेत, पता चलता है भविष्य

4 OCT 2024

aajtak.in

हर साल नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और इस बार नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है.

नवरात्रि में आपने देखा होगा बहुत सारे लोग अपने घर में जब मां दुर्गा का चित्र स्थापित करके पूजन करते हैं तो जौ भी बोते हैं.

ज्योतिषियों की मानें तो, जौ की स्थिति और रंग से आप जान सकते हैं कि भविष्य में आपके घर-परिवार में खुशहाली आएगी या परेशानी.

हिंदू धर्म में जो भी हम पूजा पाठ करते हैं, उनसे विशेष संकेत मिलते हैं. नवरात्रि में कलश स्थापना के समय जौ बोते समय भी कुछ खास संकेत मिलते हैं. 

दरअसल, कलश स्थापना के समय जौ बोने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. नवरात्रि के 9 दिन में जौ के उगने के अलग अलग संकेत मिलते हैं.

जैसे- जौ उगे फिर थोड़ा सा उगे या उसके बाद उगना बंद हो जाए, या जौ ज्यादा उगे पीला पड़ जाए या जौ अच्छे से उगे और साथ ही तेजी से उगे तो इन सभी संकेतों का अलग अलग मतलब है.

कलश स्थापना के दिन बोया हुआ जौ अगर सूख जाए तो आने वाले समय में कोई परेशानी आ सकती है या वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ सकती है.

पहला संकेत- जौ का सूखना

मान लीजिए बोया हुआ जौ कम उगे और पीला पड़ जाए तो यह भी अशुभ संकेत है. ऐसा माना जाता है कि परिवार के ऊपर कोई परेशानी आ सकती है.

जौ का पीला पड़ना

बोया हुआ जौ अच्छी तरीके से उगा या पूरे नौ दिनों तक हरा भरा रहे तो यह बहुत ही शुभ संकेत है. यानी जीवन में अच्छी तरक्की आने वाली है, घर परिवार में खुशियां आने वाली हैं.

हरा भरा जौ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे तो उन्होंने सबसे पहले जौ को ही उत्पन्न किया था जौ को ही उगाया था. जौ को सृष्टि की पहली फसल कहा जाता है. 

सृष्टि की पहली फसल थी- जौ