शारदीय नवरात्रि में 22 अक्टूबर को यानी कल महाअष्टमी है. शास्त्रों में अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है.
कन्या पूजन में छोटी-छोटी बालिकाओं के साथ एक बालक की पूजा की जाती है. फिर उन्हें भोजन कराने के बाद उनका आशीर्वाद लेते हैं.
नवरात्रि में महाष्टमी का कन्या पूजन शुभ मुहूर्त में करना उचित होता है. अगर आप भी कल अष्टमी का कन्या पूजन करने वाले हैं तो पहले शुभ मुहूर्त जान लें.
इस साल महाष्टमी शनिवार, 21 अक्टूबर को रात 09.53 बजे से रविवार, 22 अक्टूबर को शाम 07.58 बजे तक रहेगी.
महाअष्टमी पर कन्या पूजन के लिए कल दो शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला मुहूर्त सुबह 7.51 बजे से सुबह 9.16 बजे तक रहेगा.
इसके बाद सुबह 9.16 बजे से सुबह 10.41 बजे तक दूसरा मुहूर्त रहने वाला है. इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा.
ऐसे में आपको सुबह 10.41 बजे से पहले कन्या पूजन कर लेना चाहिए. इसके लिए आपको 2 घंटे 50 मिनट का शुभ मुहूर्त मिल रहा है.
अष्टमी पर 2-10 साल तक की 9 कन्याओं और एक बालक को आमंत्रित करें. उनके चरण धोएं और उन्हें उचित स्थान पर बैठाएं.
कन्याओं के माथे पर अक्षत और कुमकुम लगाएं. हाथ पर कलावा बांधें. चुनरी ओढ़ाएं और हलवा, पूरे चने का भोजन करवाएं.
इसके बाद कन्याओं को सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा या उपहार दें और पैर छूकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लें.