22 Mar 2025
aajtak.in
हमारे बड़े-बुजुर्गों से यह बात अक्सर सुनने को मिलती है कि महिलाओं को माहवारी के दौरान मंदिर जाने से बचना चाहिए.
सनातन धर्म में यह धारणा है कि माहवारी के दौरान महिलाओं अशुद्ध हो जाती हैं इसलिए उन्हें मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती.
माहवारी या पीरियड्स में मंदिर में प्रवेश करना चाहिए या नहीं, इसे लेकर कथावाचक जया किशोरी ने अपनी राय रखी है.
जया किशोरी के मुताबिक, 'माहवारी या पीरियड्स के दौरान महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करती हैं, इसलिए इस समय उन्हें आराम करने की सलाह दी जाती है.'
'इसी कारण उन्हें घर पर रहने की सलाह दी जाती है ताकि उन्हें किसी अन्य बीमारी का जोखिम न हो.'
जया किशोरी आगे कहती हैं कि पुराने समय में माहवारी के दौरान स्वच्छता के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं थे, जिसके लिए महिलाओं को कपड़े का उपयोग करना पड़ता था.
इसी कारण, तब से महिलाओं को माहवारी के दौरान आराम करने और अपनी देखभाल करने की सलाह दी जाती रही है.
आगे जया किशोरी कहती हैं कि, 'लेकिन समय के साथ, लोगों ने इसे एक रूढ़िवादी सोच के रूप में अपनाया और कुछ ने इसके लिए नियम भी बना दिए.'
जया किशोरी उदाहरण देते हुए कहती हैं कि, 'जब स्वयं भगवान कृष्ण ने रजस्वला अवस्था में देवी द्रौपदी को स्पर्श किया था, तो हमें ऐसी मान्यताओं में नहीं उलझना चाहिए. समय के साथ हमें अपनी सोच को भी बदलना चाहिए.'