18 aug 2024
aajtak.in
श्रावण पूर्णिमा 19 अगस्त यानी कल है. हर मास की पूर्णिमा पर स्नान-दान करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है.
श्रावण पूर्णिमा को कजरी पूर्णिमा और सावन की पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है.
लेकिन, इस बार श्रावण पूर्णिमा महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इस दिन सावन का आखिरी सोमवार, शोभन योग, लक्ष्मी नारायण योग और श्रवण नक्षत्र का संयोग बनेगा.
पूर्णिमा पर स्नान ब्रह्म मूहूर्त में करना चाहिए. कल स्नान दान का समय सुबह 4 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 09 मिनट तक होगा.
इसके अलावा, सुबह 5 बजकप 53 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर भी आप स्नान कर सकते हैं और पूजन के लिए भी कल यही मुहूर्त रहेगा.
सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव, चंद्रदेव, श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. कुछ लोग इस दिन सत्यानारायण की भी पूजा करते हैं.
इस दिन जल्दी उठकर स्नानादि करें और फिर शिव जी को बेलपत्र, फल फूल अर्पित करके उनकी पूजा करें. इसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करें.
वहीं, सावन पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर पूजा करें और ऊं सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें.