1 Sep 2024
AajTak.In
शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को दिन की सबसे उत्तम और शुभ घड़ी मानी गई है. अमूमन यह शुभ घड़ी सुबह 4 बजे से लेकर सुबह 5.30 बजे तक रहती है.
2 सितंबर को भादो अमावस्या है. सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कह सकते हैं. सोमवती अमावस्या की सुबह ब्रह्म मुहूर्त सोने पर सुहागा जैसा होगा.
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ज्योतिषविदों की मानें तो यदि सोमवती अमावस्या पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 2 विशेष कार्य कर लिए जाएं तो घर की चौखट से गरीबी कोसों दूर रहती है.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह के 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखें और 'ॐ कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती करमूले: तू गोविंदा: प्रभाते कर दर्शनम्" मंत्र का जाप करें.
कहते हैं कि हमारी हथेलियों में ग्रहों और देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए हथेलियों को देखने से हमें सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते हैं.
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2. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद सुख आसन में बैठ जाएं. फिर अपनी दोनों आंखें बंद करके एक लाभकारी मंत्र का जाप करें.
"ऊँ ब्रह्म मुरारी पुरान्तकारी भानु शशि भूमिस्तुतों बुधश्च गुरुश्च, शुक्र, शनिए, राहु, केतवा कुरुवंतु सर्वे मर्मे सुप्रभातम ऊँ" मंत्र का जाप करें.
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ब्रह्म मुहूर्त में इस मंत्र का जाप करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. ऐसा करने वालो के घर में कभी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है.
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