साल का दूसरा सूर्य ग्रहण रहेगा वलयाकार, जानें भारत में सूतक काल लगेगा या नहीं

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार को लगने जा रहा है. इससे पहले पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था. 

14 अक्टूबर को लगने जा रहा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है, यह सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा. 

दरअसल, यह सूर्य ग्रहण इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन सर्व पितृ अमावस्या, शनि अमावस्या है. शनि अमावस्या का यह संयोग सूर्य ग्रहण पर लगभग 100 साल बाद बनने जा रहा है. 

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. दरअसल, यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया जैसे क्षेत्रों में दिखेगा. 

भारत में दिखेगा या नहीं

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. भारत में सूतक काल नहीं लगेगा.

सूतक काल मान्य होगा या नहीं 

वलयाकार सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान आसमान में सूर्य एक आग के छल्‍ले यानी अंगूठी की तरह दिखाई देता है. यह नजारा कुछ समय के लिए रहता है. चंद्रमा सूर्य के पूरे भाग को ढक लेता है, सिर्फ सूर्य का बाहरी हिस्‍सा चमकता रहता है. 

क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने के बाद पूजा पाठ करने की मनाही होती है. 

सूर्य ग्रहण में भूलकर न करें ये गलतियां

सूर्य ग्रहण लगने के बाद बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए. इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को सोने की मनाही होती है. 

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मेष, कर्क, तुला और मकर के लिए अशुभ रहेगा. 

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