20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है, जो लगभग 100 वर्षों बाद दिखाई देगा.
इसमें सूर्य ग्रहण के 3 रूप (आंशिक, पूर्ण, कुंडलाकार) दिखेंगे. आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के छोटे हिस्से में आकर उसकी रोशनी रोकेगा.
जबकि कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीचोबीच आकर उसकी रोशनी को प्रभावित करता है.
जब सूर्य के चारों तरफ चमकदार रोशनी का गोला बनता है और बीच में अंधेरा हो जाता है तो पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं.
तब पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाता है, इसे ही पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इस बार ग्रहण के ये तीनों रूप देखने को मिलेंगे.
सूर्य ग्रहण सुबह 7:04 बजे से दोपहर 12:29 तक रहेगा. यानी सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 25 मिनट की होगी.
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जिसमें पूजा-पाठ और कई मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.
लेकिन ये हाइब्रिड सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है. इसलिए इससे बिल्कुल न घबराएं.