1 OCT 2024
aajtak.in
सर्वपितृ अमावस्या पर साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. माना जाता है कि अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है.
सर्वपितृ अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह में पड़ने वाली अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या या महालया अमावस्या कहा जाता है.
2 अक्टूबर, बुधवार को ही साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो कि भारत में दृश्यमान नहीं होगा. इसलिए, सूर्य ग्रहण का प्रभाव अमावस्या पर नहीं पड़ेगा.
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को रहेगी. अमावस्या तिथि 1 अक्टूबर को रात 9:39 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन रात 12:18 मिनट पर होगा.
सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 09.13 बजे से 3 अक्टूबर को सुबह 03.17 बजे तक रहेगा.
यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. बल्कि, यह दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भागों, प्रशान्त महासागर, एटलांटिक महासागर और न्यूजीलैंड आदि देशों में दिखाई देगा.
सर्व पितृ अमावस्या के दिन दान धर्म का कार्य जरूर करना चाहिए. साथ ही इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए.
अमावस्या के दिन स्नान दान किया जा सकता है. इससे ग्रहण के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है.