भगवान की मूर्ति या छवि गिफ्ट में देनी चाहिए या नहीं, प्रेमानंद महाराज ने दिया उत्तर  

9 Dec 2024

aajtak.in

ठाकुर जी और राधारानी के भक्त  वृंदावन के जाने माने गुरु प्रेमानंद महाराज हर किसी को जीवन से जुड़ी सलाह देते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज ने ये भी बताया कि क्या भगवान की मूर्ति या छवि गिफ्ट देनी चाहिए या नहीं.

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'कोई भेंट में भगवान या प्रभु की मूर्ति दे तो नहीं लेना चाहिए. क्योंकि ये प्रभु का अनादर है. '

'प्रभु को घर लाना यानी उनकी सेवा करना. अगर हम भगवान की सेवा ही नहीं करेंगे तो ऐसा करने से ईष्ट देवता नाराज हो जाएंगे. '

आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, ' इसलिए अगर कोई भगवान की मूर्ति या छवि भेंट में दें तो उनको पहले प्रणाम करें और फिर वापिस कर दें. '

फिर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'घर में उतनी ही ठाकुर जी की मूर्ति रखनी चाहिए जितनी कि तुम सेवा कर सको. इसके अलावा कार्ड वगैरह पर भी भगवान की छवियां नहीं छपवानी चाहिए. '

'आजकल तो लोग व्यापार चलाने के लिए भी थैलों वगैरह पर प्रभु की छवि या नाम छाप देते हैं और फिर इस्तेमाल हो जाने के बाद वो छवि फेंक देते हैं. '

'ऐसे भगवान कभी प्रसन्न नहीं होंगे और न तुम्हारी पूजा से प्रसन्न होंगे. क्योंकि तुम खुद ही अपने देव का अपमान कर रहे हो.'

'जो भी भगवान के नाम का अपमान करेगा उसे कृपा नहीं मिलेगी. इसलिए भगवान की मूर्ति न तो भेंट में लेनी चाहिए और न देनी चाहिए.'

'कई लोग तो लालच में गणेश लक्ष्मी जी मूर्ति खरीद लाते हैं और कार्य पूर्ण हो जाने के बाद उन्हीं मूर्तियों को किसी पीपल वृक्ष के नीचे छोड़ आते हैं, तो ये भी अपमान ही है. '

अगर भगवान की मूर्ति खराब हो गई है तो उन मूर्तियों को जल में बहा दें या जल के आसपास एक गड्ढा करके और फूल डालकर एक छोटी सी समाधि बना दें. '

आगे प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि, ' कितनी ऐसी सामग्रियां होती हैं जिनपर भगवान के नाम छपे होते हैं. और वो सब नालियों वगैरह में पड़े होते हैं. तो ऐसा करने से बुद्धि भ्रष्ट होती है. भक्ति नहीं आती है.'

' भक्ति के लिए उचित है कि हम भगवान को विराजमान करें और फिर उनकी आराधना करें. '