इंसान की बर्बादी की असल वजह हैं ये 10 बुरी आदतें, प्रेमानंद महाराज ने बताईं

जाने-अनजाने लोगों से कई बार ऐसे पाप हो जाते हैं, जिनका कोई प्रायश्चित नहीं है. ऐसे पाप ही इंसान की दुर्गति का कारण बनते हैं.

वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि इंसान को उन सभी बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए, जो दुर्भाग्य या दुर्गति का कारण हैं.

अपने मुंह से खुद की प्रशंसा करने वालों लोगों की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और उसके पुण्य भी नष्ट हो जाते हैं. इसलिए ऐसा न करें.

खुद की तारीफ

Credit: Getty images

लालच, छल, कपट करने वालों के जीवन में सुख ज्यादा दिन नहीं टिकता है. लालच इंसान को नष्ट कर देता है. उसका सारा सुख छीन लेता है.

धन का लालच

Credit: Getty images

थोड़ा सा अपमान होने पर यदि बहुत ज्यादा क्रोध आने लगे तो यह आपके ही विनाश का कारण बन सकता है. मन में द्वेष कभी न आने दें.

मन में द्वेष

Credit: Getty images

यदि कोई पशु, पक्षी या मनुष्य आपकी शरण में आ जाए तो निश्चित ही आपको उसकी रक्षा करनी चाहिए. ऐसा न करने वालों के पुण्य नष्ट हो जाते हैं.

सहायता न करना

Credit: Getty images

यदि कोई इंसान उत्साहित या प्रेरित होकर पाप कर रहा है तो ऐसे इंसान की दुर्गति होनी भी निश्चित है. ऐसे लोगों को ईश्वर कभी क्षमा नहीं करते.

उत्साह में पाप

Credit: Getty images

मन में पराई स्त्री के साथ संभोग करने की भावना रखने वालों के पुण्य भी नष्ट हो जाते हैं. ये गलती कभी न करें.

संभोग का चिंतन

Credit: Getty images

खुद को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच कहने वाले लोगों की भी दुर्गति होती है. जो इंसान विषमता पर विजय प्राप्त करता है, वही भगवत प्राप्ति का अधिकारी है.

स्वयं को श्रेष्ठ मानना

Credit: Getty images

दान देने की बात कहकर मुकर जाना या दान देकर पश्चाताप करने वालों के भी पुण्य नष्ट हो जाते हैं. इसलिए दान देने की बात कहकर कभी पीछे न हटें.

दान देने से मुकरना

अपनी आय घरवालों की जरूरतों पर खर्च करें. जरूरतमंद लोगों की मदद करें. ऐसा धन व्यर्थ है, जो किसी के काम न आ सका.

व्यर्थ में धन संचय

Credit: Getty images

जो लोग बच्चे, बुजुर्ग, स्त्री या असहाय लोगों को नुकसान पहुंचाता है, ऐसे लोगों की दुर्गति भी निश्चित है. इसलिए ये गलतियां कभी न करें.

दूसरों को क्षति

Credit: Getty images