रामायण, गीता से लेकर महाभारत जैसे कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि कैसे 5 बुरी आदतें इंसान के जीवन का नाश कर देती हैं.
ये बुरी आदतें न सिर्फ आर्थिक नुकसान की वजह बनती हैं, बल्कि पारिवारिक और दांपत्य जीवन की खुशियां भी छीन लेती हैं.
गंभीर परिस्थिति में संयम खोकर क्रोध करने वालों का नाश जरूर होता है. क्रोध बुद्धि को नष्ट कर देता है. ऐसे लोग कभी सफल नहीं होते हैं.
अहंकार को विनाश का तीसरा कारण माना गया है. रावण, हिरण्यकश्यप, कंस, दुर्योधन और बालि जैसे अहंकारी असुर स्वयं इसका प्रमाण हैं.
इसमें कोई संदेह नहीं कि मोह मनुष्य को विनाश की ओर ले जाता है. मोह इंसान को मर्यादाओं से भटका देता है और जीवन तबाह कर देता है.
काम वासना भाव से पीड़ित व्यक्ति स्वयं अपने ही जीवन का नाश करता है. ऐसे व्यक्ति सुख-समृद्धि और धन के लिए हमेशा संघर्ष करते हैं.
कुछ लोग दूसरों की खुशी और उन्नति को देखकर मन में द्वेष पैदा कर लेते हैं. साधारण भाषा में इसे जलन या ईर्ष्या कहा जा सकता है.
यह बुरी आदत इंसान को विनाश की ओर ले जाती है. ध्यान रहे कि ईर्ष्या से हमेशा दूसरों का नहीं, बल्कि अपना ही नुकसान होता है.