गरुड़ पुराण को सनातन धर्म के 18 बड़े पुराणों में से एक माना जाता है. इसके मुख्य देवता भगवान विष्णु है.
भागवत पुराण और गरुड़ पुराण दोनों में बताया गया है कि व्यक्ति अपनी जिंदगी के लिए खुद जिम्मेदार होता है.
साथ ही गरुड़ पुराण में यह भी वर्णित है कि व्यक्ति अपनी गलत आदतों के कारण अपनी उम्र कम करता है. आइए जानते हैं उन कारणों के बार में.
खुली आंखों से सूरज को देखने से उम्र कम होने लगती है. इस घड़ी में सूरज को देखने से व्यक्ति की उम्र पर ज्यादा असर होता है- ग्रहण.
ईश्वर में विश्वास न करना और धर्म और कर्म के मार्ग पर न चलना. ईश्वर में विश्वास न करने का मतलब है मानवता में विश्वास न करना.
गरुड़ पुराण के अनुसार, परिवार के बड़ों या अपने से बड़े का सम्मान न करना भी कम उम्र का कारण बन सकता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, परिणाम जानने के बावजूद भी गलत रास्ते का चुनाव करना सबसे बड़ा गुनाह माना जाता है.
गरुड़ पुराण के मुताबिक, महिलाओं, बच्चों और मानवता के प्रति मन में गलत विचार लाना भी पाप से कम नहीं माना जाता है.
गरुड़ पुराण के मुताबिक, कृष्ण चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष, हर माह की अष्टमी, अमावस्या और पूर्णिमा जैसे खास दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
गरुड़ पुराण के अनुसार, खुद को गंदे और टूटे शीशे में देखना बेहद अशुभ होता है.
गरुड़ पुराण के मुताबिक, दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके सोना बेहद अशुभ माना जाता है.
कमरे में घूसते समय हल्का सा उजाला होना चाहिए. लेकिन, बिस्तर पर लेटने के बाद कमरे में अंधेरा होना चाहिए.
शास्त्रों के मुताबिक, कभी भी टूटे हुए बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक का संचार होता है.
गरुड़ पुराण में यह वर्णित है कि कभी भी किसी दिव्यांग का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए.
खाना, घर, कपड़े या जूते जैसी उधार की चीजों पर हमेशा टिकना भी बेहद गलत है. इससे आपकी उम्र उस व्यक्ति को लग जाती है, जिससे आपने उधार लिया है.
ऐसी जगह में रहना जो अशुद्ध हों और जिन्हें धार्मिक रूप से अशुभ माना जाता हो.
गंदे हाथों से लिखना, पढ़ना या पढ़ाना या घर की सफाई करना बेहद अशुभ माना जाता है.
जो व्यक्ति हमेशा दूसरों की पीठ पीछे निन्दा करता है या उन्हें ठेस पहुंचाने में बारे में सोचता है, उसकी शीघ्र मृत्यु होती है.