जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण से सीखें जिंदगी जीने के गुण, हर कदम पर मिलेगी सफलता

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण से सीखें जिंदगी जीने के गुण, हर कदम पर मिलेगी सफलता

आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव  मनाया जा रहा है. श्रीकृष्ण को प्रेम के प्रतीक, गुरू और प्रबंधक के रूप में जाना जाता है. 

आपको भगवान श्रीकृष्ण का नाम सुनकर उनकी बाल लीलाएं याद आती होंगी कि कैसे वो माखन मिश्री चुराते थे. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण  महाभारत के युद्ध में अपने कुशल प्रबंधन के लिए भी जाने जाते हैं.

श्रीकृष्ण ने जिंदगी जीने के कई गुण बताए हैं जिनका अनुसरण कर इंसान अपने जीवन को सार्थक और सफल बना सकता है.

युद्ध के मैदान में अर्जुन ने जब अपने सामने अपने रिश्तेदारों को खड़ा देखा तो उन्होंने लड़ने से इनकार कर दिया. तब कृष्ण ने अर्जुन को कर्म करने का उपदेश दिया. 

कर्म ही पूजा है

कृष्ण ने अर्जुन से कहा, कर्म ही पूजा है. अपने कर्म को पूरे मन से करना चाहिए और यह सोच करना चाहिए कि सबकुछ परमात्मा को समर्पित है.

सब ईश्वर करते हैं

महाभारत में कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि समय बड़ा बलवान है. जब कुछ समझ ना आए तो सब परमात्मा पर छोड़ दो. परिस्थितियां कितनी भी बुरी हों एक दिन बीत ही जाएंगी. 

समय बलवान है

कृष्ण हमें वर्तमान में जीना सिखाते हैं. वे भविष्य के प्रति सचेत थे. वे जानते थे कि आगे क्या होगा लेकिन उन्होंने उसकी चिंता किए बिना वर्तमान में जीवन जीने को चुना था.

वर्तमान में जीना सीखें

भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि क्रोध सभी विपत्तियों का मूल कारण है. यह बुद्धि और विवेक का नाश करता है और यह सांसारिक बंधन का कारण है.

क्रोध सबसे बड़ा दुश्मन

भगवान कृष्ण अकेले ही कुरुक्षेत्र का युद्ध जीत सकते थे. लेकिन उन्होंने अर्जुन के मार्गदर्शन का काम चुना और उनके लिए  रथ चलाया. उन्होंने कहा कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. आपको अपनी नौकरी से प्यार करना चाहिए और अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए.

कोई काम छोटा नहीं