एक मिनट में आपके सारे पुण्य नष्ट कर देगी ये एक गलती, हो जाएगी दुर्दशा

3 NOV 2023

हिंदू धर्म में वाणी विज्ञान पर बहुत गहराई से विचार किया गया है. प्रेमानंद महाराज ने बताया है कि कैसे वाणी हमारे सारे पुण्यों को नष्ट कर सकती है.

वाणी साधना का प्रधान अंग है वाकेंद्री. अधिकांश अपराध इसी इंद्री के कारण होते हैं. इस पर संयम रखे बिना भगवत जाप करना मुश्किल है.

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि यदि हम अपनी वाणी से प्रपंच, निंदा या किसी का अपमान करेंगे तो हमारे सारे पुण्य भस्म हो जाएंगे.

व्यर्थ में किसी की निंदा करके इंसान अपने ही स्वीकृतों का नाश करता है. भगवत प्राप्ति में वाणी का बहुत योगदान होता है.

अगर आपको हमेशा दूसरों की निंदा, अपमान या कटु वाणी कहना अच्छा लगता है तो ये आपके लिए ही घातक है.

प्रेमानंद जी कहते हैं कि निंदा करने से तो मौन रहना ही भला है. मौन धारण कर वाणी को संयमित रख सकते हैं और स्वीकृत बचा सकते हैं.

ध्यान रहे कि पुण्य कमाना बहुत मुश्किल है, लेकिन इन्हें गंवाने में एक मिनट भी नहीं लगता है. आपकी छोटी से गलती इन्हें नष्ट कर देगी.

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि कम बोलें और ज्यादा सुनें. जीवन में यह मंत्र अपनाने वाले हमेशा पुण्य कमाते हैं और सुखी जीवन जीते हैं.