अंकिता लोखंडे के घर दिगंबर मुनियों पर हैरानी क्यों? समझें- क्या है जैन परंपरा

घर में एक साल पूरा होने की खुशी में टीवी एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे और उनके पति विक्की ने जैन रीति रिवाज से जुड़ी पूजा का आयोजन कराया.

इंस्टाग्राम पर अंकिता लोखंडे ने पूजा के दौरान ली गईं कई तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें परिवार और करीबी लोग नजर आ रहे हैं. 

घर में पूजा को जैन रीति-रिवाज के साथ कराया गया, जिसमें एक बड़े जैन मुनि आचार्य श्री ने शामिल होकर सभी को आशीर्वाद दिया. 

अंकिता लोखंडे के घर जो जैन मुनि आए, वे दिगंबर समाज के थे, जिस वजह से उन्होंने वस्त्र धारण नहीं किए हुए थे.

अंकिता ने जब पूजा की फोटो और वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर की तो कुछ लोग जैन मुनि के निर्वस्त्र घर आने को लेकर कमेंट्स करने लगे.

जवाब में एक यूजर ने कहा कि जो जैन धर्म से अनजान हो कर कुछ भी बोल रहे हैं, उन्हें बता दूं कि यही हमारी संस्कृति है. 

वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि, इन लोगों को ज्ञान नहीं है, जैन धर्म के बारे में थोड़ा पढ़ लेना चाहिए.

बता दें कि जैन धर्म में दो तरह के साधु होते हैं, एक जो सफेद वस्त्र पहनते हैं, वे श्वेतांबर होते हैं. जो निर्वस्त्र रहते हैं, उन्हें दिगंबर कहते हैं.

इसलिए ही दिगंबर जैन समाज के जो साधु होते हैं, वे कभी भी अपने तन पर वस्त्र धारण नहीं करते हैं. 

दिगंबर जैन साधुओं का मानना है कि जब वे बिना वस्त्र के पैदा हुए हैं तो फिर उन्हें अब वस्त्रों की क्या जरूरत है.

दिगंबर मुनियों के अनुसार, अपने विकारों को ढंकने के लिए लोग वस्त्रों को धारण करते हैं. जो विकारों से परे हैं, उन्हें वस्त्रों की क्या जरूरत.

जैसे इंसान शिशु अवस्था में विकारों से परे होते हैं, उसी तरह जैन मुनि भी विकारों से परे होते हैं, इसलिए वस्त्रों की जरूरत नहीं पड़ती है.