उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इस सफल ऑपरेशन के बाद बाबा बौखनाग की चर्चा बहुत तेज हो गई है.
मजदूरों के सुरंग से बाहर आने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी इस सफल ऑपरेशन को बाबा बौखनाख की असीम कृपा बताया.
बता दें कि इस हादसे के दौरान स्थानीय लोगों का कहना था कि बाबा बौखनाग के दैवीय प्रकोप के कारण ही यह सुरंग हादसा हुआ है.
बाबा बौखनाग के प्रकोप की बात सामने आने के बाद खुद सीएम धामी और इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बाबा बौखनाग की पूजा की थी.
सिलक्यारा सुरंग के ठीक ऊपर जंगल में बौख नाग देवता का मंदिर है. बाबा बौख नाग पहाड़ों के देवता हैं. बाबा बौखनाग को इस इलाके का रक्षक माना जाता है.
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हर साल हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर तक नंगे पैर आकर दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
बाबा बौख नाग सिलक्यारा सहित क्षेत्र की तीन पट्टियों के ईष्ट देवता हैं. मंदिर के अंदर भगवान नागराज की प्रतिमा है.
जब यह टनल बनना शुरू हुआ था तो कंपनी ने मंदिर हटा दिया. इसके बदले कंपनी ने टनल के पास मंदिर बनाने का वादा किया था.
लेकिन 2019 से अभी तक मंदिर का निर्माण नहीं किया गया. ग्रामीमों का कहना है कि सुरंग में मजदूर फंसने का हादसा अधिकारियों की इसी गलती का नतीजा है.