वास्तु में क्रिस्टल का बहुत महत्व है, इसके कुछ नियम सूर्य की किरणों पर आधारित हैं.
वास्तु के अनुसार क्रिस्टल से वास्तविक जीवन में कई सुधार किए जा सकते हैं.
क्रिस्टल बॉल को लगाने से पहले इसे सूर्य की किरणों से एक्टिव (एनरजाइज) जरूर कर लें.
घर में लड़ाई झगड़े का है माहौल तो लिविंग रूम लगाए क्रिस्टल बॉल्स.
व्यापार में घाटा हो रहा है तो रंग बिरंगी क्रिस्टल बॉल ऑफिस या फैक्ट्री के उत्तर पश्चिम दिशा में लगाएं.
अपने मन की संतुष्टि के लिए अपने ईष्ट देवी की मूर्ति से स्पर्श करा कर रत्न धारण कर सकते हैं.
बच्चों का फोकस पढ़ाई की तरफ करना चाहते हैं तो स्टडी रूम में क्रिस्टल बॉल लटकानी चाहिए.
क्रिस्टल को घर की पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है.
सुहागन महिलाएं रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र में रत्न धारण ना करें.
क्रिस्टल ग्लोब को प्रयोग में लाने से पहले 24 घंटे के लिए नमक के घोल में रख देना चाहिए.
क्रिस्टल को साफ पानी से धोकर कांच के बर्तन में रखकर सुबह की धूप में दो-तीन घंटे सुखाना चाहिए.
ऐसा करने से क्रिस्टल ग्लोब और प्रभावशाली हो जाता है.
इस ग्लोब को दिन में तीन बार घुमाना चाहिए जिससे इसमें से निकलने वाली यांग ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाए.