20th November 2021 By: Meenakshi Tyagi

इस दिशा में भूलकर भी न सोएं शादीशुदा महिलाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की सभी दिशाएं महत्‍वपूर्ण मानी जाती हैं. पश्चिम एवं उत्तर के मध्य में स्थित उत्तर-पश्चिम दिशा वायव्य कोण कहलाती है. 

उत्तर-पश्चिम दिशा हमें दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं शक्ति प्रदान करती है. यदि उत्तर-पश्चिम दिशा खराब हो तो मित्र शत्रु बन जाते हैं. 

इसके साथ ही ऊर्जा खत्म हो जाती है. आइए जानते हैं उत्तर-पश्चिम दिशा से जुड़ी खास बातें. 

यदि आपके घर में नौकर है तो उसका कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए.

घर के वायव्य कोण में विवाहित महिलाओं को नहीं सोना चाहिए. इस दिशा में सोने से वो अलग घर बसाने का सपना देखने लगती हैं.

वहीं, उत्तर-पश्चिम दिशा में कुवांरी कन्याओं को सोना चाहिए. इससे विवाह का योग मजबूत होता है.

शौचालय में सीट इस प्रकार हो कि उस पर बैठते समय आपका मुख दक्षिण या उत्तर की ओर होना चाहिए.

बच्चों की पढ़ाई के लिए उनकी स्टडी टेबल, चेयर आदि ईशान, उत्तर या उत्तर वायव्य कोण में ही रखना जरूरी होता है. 

ध्यान रहे कि टेबल लैंप हमेशा टेबल के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए.

उत्तर-पश्चिम दिशा में दोष के लिए एक छोटा फव्वारा या एक्वेरियम स्थापित करना चाहिए, जिसमें आठ सुनहरी मछलियां व एक काली मछली होनी चाहिए.

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