वास्तु शास्त्र में कई प्रकार के वेधों का वर्णन किया गया है. इनमें स्तंभवेध, वृक्षवेध और छायावेध आदि शामिल हैं. आज हम आपको छाया वेद के बारे में बताते हैं.
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छायावेध के अनुसार, यदि आपके घर पर किसी अन्य मकान या पेड़ या ऊंची बिल्डिंग की छाया पड़ रही है, तो ये भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है.
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छाया वेध के अनुसार, अगर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किसी पेड़ की छाया घर पर पड़ती है तो ये अशुभ है. लेकिन इसमें दिशाओं को भी समझना जरूरी है.
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घर की आग्नेय दिशा में वट, पीपल, सेमल, पाकर या गूलर का वृक्ष होने से जीवन में समस्याएं आती हैं. यह अकाल मृत्यु का कारण भी बन सकती है.
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वैसे तो किसी मंदिर की छाया पड़ना घर के लिए शुभ होता है, लेकिन इसके कुछ खास नियम भी होते हैं. अन्यथा ये वास्तु दोष का कारण बन सकती है.
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ऐसा कहते हैं कि प्रात:काल में घर पर मंदिर की छाया पड़ना शुभ नहीं होता है. ऐसे घर में रहने वाले लोग देवी-देवताओं की कृपा से वंचित ही रह जाते हैं.
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यदि पूर्व दिशा में स्थित किसी भी पहाड़ या ऊंची इमारत की छाया घर पर पड़ती है तो ये भी अशुभ है. इससे मान-सम्मान घटता है. कर्जों का भार बढ़ता है.
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अक्सर अगल-बगले में मौजूद ऊंचे घरों की छाया भी हमारे घर पर पड़ती है. किसी दूसरे घर की छाया पड़ना परिवार के मुखिया के लिए नुकसानदायक होता है.
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