वास्तु शास्त्र में शीशा का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो घर में समृद्धि और खुशियों को प्रभावित करता है.
शीशा की सही दिशा ऑफिस और फैक्ट्री में चार चांद लगा सकता है. वहीं, शीशा की गलत दिशा दोष उत्पन्न कर सकता है
वास्तु के अनुसार, शीशा सही दिशा और सही स्थिति में हो तो व्यवसाय में मुनाफा और मान-सम्मान बढ़ता है.
सही दिशा में लगा शीशा घर की आर्थिक तंगी को भी दूर कर सकता है. साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
शीशा को हमेशा पूर्व या उत्तर की दीवार पर इस तरह लगाना चाहिए कि देखने वाले का चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर रहे.
अपना चेहरा देखने के लिए गोल शीशा का इस्तेमाल करना लाभदायक होता है.
बेडरूम में सिर्फ उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर शीशा लगाना चाहिए. बिस्तर के ठीक सामने आइना लगाना अशुभ होता है.
कमरे के दीवारों पर आमने-सामने शीशा नहीं लगाना चाहिए. इससे घर में कलह उत्पन्न होने की आशंका रहती है.
शीशा का ड्राअर शुभ माना गया है. इससे घर में धन-संपत्ति दिन-दूनी और रात चौगुनी बढ़ती है.