वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचन और आशीष वचन के कारण काफी प्रसिद्ध हैं. उनके पास बड़े से बड़े लोग पहुंचते हैं और उनके दर्शन करके, उनके वचन सुनते हैं.
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आपने अक्सर देखा होगा प्रेमानंद महाराज के आसपास कुछ साधु रहते हैं. ये साधु और कोई नहीं बल्कि ये प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए थे जो बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी छोड़कर साधु बने हैं.
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लाखों की सैलरी छोड़कर अब वे साधु बन चुके हैं और राधा रानी की सेवा में प्रेमानंद महाराज के पास रहते हैं. ये शिष्य साधु बनने से पहले क्या करते थे, यह जान लीजिए.
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नवल नागरी बाबा का जन्म पठानकोट के रहने वाले हैं. उनके पिताजी आर्मी में थे और उन्होंने भी 2008 से 2017 तक उन्होंने भी आर्मी में अपनी सेवाएं दीं.
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जब वे 2016 में वृंदावन आए तो महाराज के प्रवचन सुनकर उन्हें आनंद की अनुभूति हुई और लगाताक 2-3 दिन उनके प्रवचन सुने. उस समय वह कारगिल में पोस्टेड थे. इसके बाद उन्होंने साधु धर्म अपनाने का फैसला किया.
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श्याम सुखदानी बाबा, सोनीपत (हरियाणा) के रहने वाले थे. उनके पिताजी दिल्ली पुरुष में थे. दिल्ली से पढ़ाई करने के बाद और इंजीनियरिंग की और बैंगलोर-गुड़गांव में जॉब की.
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श्याम सुखदानी बाबा ने जब प्रेमानंद महाराज के वीडियोज देखे तो उनके दर्शन के लिए वृंदावन आए और हित धाम में उनके दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने अपना जीवन गुरु सेवा में लगाने का फैसला किया.
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आनंदप्रसाद बाबा दिल्ली के रहने वाले हैं और उनका खुद का फुटवियर्स का बिजनेस था. वह महीने में करीब 1-2 बार वृंदावन आते थे.
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2018 में उन्होंने पहली बार प्रेमानंद महाराज की वाणी सुनी थी. जैसे-जैसे वह उनके प्रवचन सुनने लगे, उन्होंने गुरु सेवा का रास्ता चुना और वृंदावन आ गए.
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महामाधुरी बाबा उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. जब वह कॉलेज में थे, उस दौरान उन्होंने भगवान नाम जप शुरू किया था.
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वह बिजनेसमैन थे लेकिन धीरे-धीरे प्रेमानंद महाराज के सत्संग सुनकर उन्हें अपने जीवन का उद्देश्य समझ आया और वृंदावन आकर महाराज की शरण ले ली.
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अलबेलीशरण बाबा दिल्ली के रहने वाले हैं और वह पूर्व सीए हैं. उनके पिताजी-ताऊजी-बहन भी सीए थे.
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धीरे-धीरे वह भी महाराज के प्रवचनों से अभिभूत हुए और उनकी सेवा में वृंदावन जाने का फैसला किया.
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